मलारना स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर गुर्जरों के साथ बैठे कर्नल किरोड़ी सिंह।
ठंड लगने पर गुर्जरों ने ट्रैक पर ही आग जलाई। ठंड लगने पर गुर्जरों ने ट्रैक पर ही आग जलाई।
मलारना स्टेशन के करीब ट्रैक पर ही पढ़ाई करते गुर्जर समाज के बच्चे। मलारना स्टेशन के करीब ट्रैक पर ही पढ़ाई करते गुर्जर समाज के बच्चे।
मलारना में सभास्थल में पहुंचे गुर्जर। मलारना में सभास्थल में पहुंचे गुर्जर।
गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला। गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला।
गुर्जर समाज के लोगों की बैठक को संबोधित करते मनफूल गुर्जर। गुर्जर समाज के लोगों की बैठक को संबोधित करते मनफूल गुर्जर।

मलारना-नीमोदा स्टेशन के बीच दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक जाम होने से 21 ट्रेनें प्रभावित, हजारों लोग परेशान सरकार ने गुर्जरों को मनाने के लिए 3 मंत्रियों की कमेटी बनाई, सीएम बोले- बातचीत के लिए तैयार 13 साल में 6 आंदोलन, 4 बार भाजपा, 2 बार कांग्रेस राज में, 5 बार ट्रैक रोका, 72 लोग खोए, फिर भी समस्या वहीजयपुर. गुर्जर समाज 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर फिर पटरियों पर आ गया, लेकिन लोग बेपटरी हो गए। सवाईमाधोपुर के मलारना स्टेशन और नीमोदा रेलवे स्टेशन के बीच गुर्जरों ने ट्रैक जाम कर दिया। इससे दिल्ली और मुंबई के बीच ट्रेनों का आवागमन बंद हो गया। रेलवे ट्रैक रोकने का असर प्रदेश सहित कई राज्यों में पड़ना शुरू हो गया। देर रात तक आंदोलनकारी ट्रैक पर जमे हुए थे और ट्रैक पर ही अलाव जलाकर बैठ गए थे।
बैंसला बोले- अब सीधे आरक्षण की चिट्ठी चाहिए
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अगुवाई में गुर्जरों ने ट्रैक रोका है। बैंसला ने कहा कि शुक्रवार शाम चार बजे तक का अल्टीमेटम दिया था, जो खत्म हो चुका है। इस बार समझौता नहीं होगा। सीधे आरक्षण की चिट्ठी चाहिए। उन्होंने आंदोलनकारियों से कहा है कि सरकारी संपत्ति का नुकसान नहीं हो। आम आदमी, महिलाएं और व्यापारी को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाया जाए। इससे पूर्व बैंसला ने महारना में ही महापंचायत करके आंदोलन की घोषणा की।
सरकार बातचीत के लिए तैयार
अशोक गहलोत ने कहा कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है। इसके साथ अधिकारियों से पूरे मामले की जानकारी भी ली। वहीं बैंसला का कहना है कि किसी भी बातचीत के लिए सरकार को ट्रैक पर ही आना पड़ेगा।
तीन मंत्रियों की कमेटी बनाई
सरकार ने पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह, स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा और
सामाजिक न्याय विभाग मंत्री भंवरलाल मेघवाल की कमेटी बनाई है। गुर्जर
आंदोलन से ज्यादा प्रभावित भरतपुर और अजमेर संभाग ही हैं, इसलिए दोनों
संभागों के प्रतिनिधित्व के रूप में विश्वेंद्र और रघु को गुर्जरों को
मनाने का जिम्मा दिया गया है। भरतपुर में मौजूद विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि
शनिवार सुबह सरकार के आला अफसरों को मीटिंग के लिए बुलाया है। इसमें तय
होगा कि आंदोलन से किस तरह से निपटा जाए। गुर्जर चाहेंगे तो मैं ट्रैक पर
जाने को तैयार हूं। मेघवाल व रघु शर्मा अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों
में व्यस्तता के कारण देर रात तक भरतपुर नहीं पहुंचे थे।
सीएमओ में हुई मीटिंग
आंदोलन को देखते हुए सीएमओ में एक उच्च स्तरीय मीटिंग बुलाई गई है। इसमें डीजीपी कपिल गर्ग, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर एमएल लाठर, राजीव स्वरूप एसीएस होम मौजूद हैं। जिसमें गुर्जर आंदोलन पर आगे की रणनीति तैयार करने के लिए बैठक की। वहीं फीडबैक भी ले रहे हैं।
दिल्ली से आने वाली ट्रेनें बयाना में खड़ी की गईं
बैंसला के साथ प्रदर्शन कर रहे लोग कोटाली ट्रेक पर बैठे हैं। गुर्जर आंदोलन की शुरुआत के साथ ही रेलवे ने दिल्ली से आने वाली ट्रेनों को बयाना में खड़ा कर दिया है। सवाई माधोपुर गंगानगर में भी ट्रेनों को आगे जाने से रोक दिया गया है। अवध एक्सप्रेस को भी सवाई माधोपुर में रोक दिया गया है। रेलवे ने इन ट्रैक पर सभी ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया है।
ये ट्रेन हुई प्रभावित
गाड़ी संख्या 54794 मथुरा – सवाई माधोपुर पैसेंजर को गंगापुर सिटी में आंशिक रद्द किया गया। 12060 जन शताब्दी एक्सप्रेस को गंगापुर सिटी और ट्रेन 69155 को सवाई माधोपुर में आंशिक रद्द किया गया है। इसके साथ 59811 रतलाम आगरा फोर्ट को कोटा में आंशिक रद्द किया गया है। कुल 20 ट्रेनों का डाइवर्जन किया गया है। वहीं एक ट्रेन 59812 आगरा फोर्ट से रतलाम को कैंसिल कर दिया गया है।
यूपी और एमपी से आया सुरक्षा बल
प्रशासन ने भी आंदोलन को देखते हुए भरतपुर, करौली, सवाई माधोपुर, दौसा और टोंक में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। यूपी और एमपी से सुरक्षा बल को बुलवाया गया है। रेलवे स्टेशन और पटरियों पर सुरक्षा के इंतजाम किए हैं। बता दें कि आंदोलन के लिए राजस्थान के कोने-कोने से गुर्जर समाज के लोग आए हैं।
8 जिलों में आरएसी की 17 कंपनियां तैनात
गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान प्रभावित इलाकों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य सरकार ने 8 जिलों में राजस्थान सशस्त्र बल की 17 कंपनियों की तैनाती की है। उधर, सरकार के स्तर पर गुरुवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक में सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की गई। इसमें गृह विभाग के प्रमुख अधिकारी भी मौजूद रहे।
गुर्जर समाज की मांग
गुर्जर समाज की मांग है कि सरकार सभी प्रक्रिया पूरी करके पांच प्रतिशत
आरक्षण बैकलाग के साथ दे। इससे पहले 24 सितंबर 2015 को विधानसभा में एसबीसी
विधेयक पारित हुआ था। राज्य सरकार ने 16 अक्टूबर 2015 को नोटिफिकेशन जारी
करते हुए इसे लागू किया। ये 14 महीने चला और 9 दिसंबर 2016 को हाईकोर्ट ने
खत्म किया। अब सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है।
पटरियों की तरह गुर्जर और सरकार
आरक्षण के लिए गुर्जरों का आंदोलन 13 साल पहले 2006 में शुरू हुआ। तब से लेकर अब तक वसुंधरा सरकार में 4 बार और गहलोत सरकार में अब दूसरी बार गुर्जर आंदोलन पर उतरे हैं। वसुंधरा सरकार में 3 बार ट्रैक जाम किया गया, गहलोत सरकार में दूसरी बार। 13 साल में 72 गुर्जरों ने जान दे दी। लेकिन वे वही खड़े हुए हैं।
2006 : गुर्जरों को एसटी में शामिल करने की मांग पर पहली बार आंदोलन हुआ। हिंडौन में पटरियां उखाड़ी गईं।
नतीजा : भाजपा सरकार ने इस मामले में एक कमेटी बनाई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
21 मई 07 : पीपलखेड़ा पाटोली में राजमार्ग रोका । 28 लोग मारे गए।
नतीजा : भाजपा सरकार से समझौता। चौपड़ा कमेटी बनी। कमेटी ने गुर्जरों को एसटी आरक्षण के दर्जे के लायक नहीं माना।
23 मई 08 : पीलुकापुरा ट्रैक पर बयाना में रेल रोकी। 7 लोग मारे गए। दूसरे दिन सिकंदरा में हाईवे जाम, 23 लोग मारे गए।
नतीजा : भाजपा सरकार में 5% एसबीसी आरक्षण पर सहमति। हाईकोर्ट में अटका।
24 दिसंबर 2010 : पीलुकापुरा में रेल रोकी गई।
नतीजा : कांग्रेस सरकार से 5% आरक्षण पर समझौता। मामला कोर्ट में था। ऐसे में 1% आरक्षण दिया। इससे ज्यादा पर कुल आरक्षण 50% से ज्यादा हो रहा था।
21 मई 15 : पीलुकापुरा बयाना में आंदोलन।
नतीजा : भाजपा सरकार ने गुर्जर सहित 5 जातियों को 5% एसबीसी आरक्षण दिया। कुल आरक्षण 54% हुआ। हाईकोर्ट की रोक। अब 1% आरक्षण मिल रहा है।
754 में से 614 केस वापस ले लिए गए
13 साल में गुर्जर आरक्षण आंदोलन में 754 केस दर्ज हुए। इनमें से 105 कोर्ट में हैं। 35 मामलों की पुलिस जांच कर रही है। 614 केसों में या तो एफआर लग गई या केस वापस लिए गए।